संदेश

चलो देखा जायेगा ....

उठे हैं पांव बढ़ने को मंजिल की ओर  डगर में छांव मिले न मिले, चलो देखा जाएगा। मनपसंद छोड़ा है और सही करते गए हैं अब मनपसंद मिले न मिले,चलो देखा जाएगा। निभाया है जी भर ऐ जिंदगी तेरा साथ अब तेरा साथ मिले न मिले,चलो देखा जाएगा। गरीबी में भी तकलीफें खरीदी हैं सुकून बेचकर रईसी से मन मिले न मिले,चलो देखा जाएगा। इस इंतज़ार के शहर में,धीरता बचा कर रखी है सब्र को विश्राम मिले न मिले,चलो देखा जाएगा। कमाए हैं रिश्ते बहुत मैंने दौलत समझकर अब वो दौलत मिले न मिले, चलो देखा जाएगा। इक उम्र ही तो रहना हैं मुझे भी यहां.. वो इक उम्र अब मिले न मिले,चलो देखा जाएगा। # विवेक तिवारी