ham tumko nahi milenge

 अब हम तुमको नहीं मिलेंगे हाथ छुड़ाकर जाने पर। 

इसीलिए आ जाना मेरे अंतिम बार बुलाने पर।। 

        रोशनदान तोड़कर आये 

        अम्बर  से सब टूटे तारे,

        बोले कहाँ कहाँ हम घूमे 

        बिखरे बिखरे मारे मारे। 

मै बोला नींदो संग रहना सपनो के मुरझाने पर। 

इसीलिए आ जाना मेरे अंतिम बार बुलाने पर।। 

        आज विधाता से फिर थोड़ी

         अदला बदली हमने कर ली,

        आँखों के आँसू देकर के 

        नदिया अंजुलि में है भर ली। 

झुलसा नहीं मगर सागर झीलों में आग लगाने पर। 

इसीलिए आ जाना मेरे अंतिम बार बुलाने पर।।  

        आंसू - आंसू खेले बादल 

        निकले मन को बहलाने,

        सदियाँ ढक ली परदे में तब 

        गाये  हमने गीत पुराने। 

सरे नगर हुए सन्यासी मेरी कथा सुनाने पर। 

इसीलिए आ जाना मेरे अंतिम बार बुलाने पर।।  

         

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