कुछ बातें

लुटा जीवन तमाशे में , खिलाडी खेल सारे  हैं 

घुला जीवन बताशे सा, पेड़ बेसुध किनारे हैं।।


चले सत्कर्म से नैया, बहे जीवन मधुर धरा। 

पियो बस प्रेमरस प्याला, मुहब्बत में सहारे हैं।।


 नियम- संयम करे श्रृंगार, करुण जल प्रेम गागर में। 

खुलेगे भाग्य के ताले, रमण मन राम प्यारे हैं।।


सुसज्जित पुष्प की माला, करो चिन्तन शिवाले में। 

पहन लो ज्ञान की माला, गुरु सब कुछ तुम्हारे हैं।।


धरा जागीर माटी है, न फूलो तुम इन्हे पाकर। 

नचाए नाच ये तुमको, भ्रमित सब रूप सारे हैं।।  

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