हाले दिल

हाले दिल सुनाकर लोगों से क्या मिलेगा.

जख्म और गहरे होंगे , दर्द नया मिलेगा.


तुम चाहे अपनी उल्फत की लाख दुहाई दो,  

मगर कोई नहीं हमदर्द , हमनवां मिलेगा. 


रिश्तों की तासीर मतलब तक आ गई हैं 

मुमकिन नहीं उम्मीदों को आसरा मिलेगा.


हसरते उजालों की, शायद ही मंजिल पाये 

अपने हिस्से में रौशनी नहीं, धुँआ मिलेगा .


नूरैन राहे उल्फत में चलने की ज़िद छोड़ दे, 

वरना एक दिन तुझे गुनाहों का सजा मिलेगा.


©® नुरैन साहब 

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