समय मिले तो आकर मिलना
लाइब्रेरी की टेबल पर
कुछ न बोलेंगे हम जुबां से
और अटकेंगे किताबों पर
पलटेंगे पेजों को यूं ही
लफ्ज़ सुनेंगे हजारों पर
लिखे हुए लैटर का क्या करना ?
जज़्बात पढ़ेंगे आँखों पर
दांतों तले कभी होंठ दबाते
मुस्कान छुपायेंगे होठों पर
समय मिले तो आकर मिलना
लइब्रेरी की टेबल पर
@विवेक तिवारी
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